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Hindi Me Essay On Mother's Day। मातृ दिवस पर हिंदी में निबंध

 Hindi Me Essay On Mother's Day। मातृ दिवस पर हिंदी में निबंध  

हमारी माँ हमारे लिये सुरक्षा कवच की तरह होती है क्योंकि वो हमें सभी परेशानियों से बचाती है। वो कभी अपनी परेशानियों का ध्यान नहीं देती और हर समय बस हमें ही सुनती है। माँ को सम्मान देने के लिये हर वर्ष मई महीने के दूसरे रविवार को मातृ-दिवस के रुप में मनाया जाता है। ये कार्यक्रम हमारे और हमारी माँ के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन पर हमें अपनी माँ को खुश रखना चाहिये और उन्हें दुखी नहीं करना चाहिये। हमें उनकी हर आज्ञा का पालन करना चाहिये और काम को सही तरीके से करना चाहिये। वो हमेशा हमें जीवन में एक अच्छा इंसान बनाना चाहती है।
Hindi Me Essay On Mother's Day। मातृ दिवस पर हिंदी में निबंध



एकसाथ इसे मनाने के लिये मदर्स डे पर हर साल हमारे स्कूल में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस दिन की पूरी तैयारी के लिये हमारे शिक्षक हमारी खूब मदद करते है। इस उत्सव को मनाने के लिये हम ढ़ेर सारी कविता, तुकबंदी, निबंध, भाषण, संवाद आदि तैयार करते है। ईश्वर के आशीर्वाद से हमें एक प्यार करने वाली और ध्यान देने वाली माँ मिली है। बिना माँ के हमारा जीवन कुछ भी नहीं है। हमलोग बहुत भाग्यशाली है कि हमारे पास माँ है। हम सभी अपनी माँ को ढ़ेर सारा उपहार देते है और वो हमें ढेर प्यार तथा हमारी देख-भाल करती है। उत्सव की शोभा बनने के लिये हमारे शिक्षक हमें अपनी माँ को स्कूल में आने के लिये निमंत्रण कार्ड देते है।

हमारी खुशी के लिये माँ कक्षा में नृत्य, गायन, कविता पाठ, भाषण आदि जैसे कई सारे क्रियाओं में भाग लेती है। अपनी माँ और शिक्षक के समक्ष हम भी इस उत्सव में भाग लेते है (जैसे कविता पाठ, निबंध लेखन, भाषण, गायन, नृत्य आदि) और अपनी प्रतिभा दिखाते है। हमारी माँ स्कूल में अपने साथ ढ़ेर सारे स्वादिष्ट पकवान ले आती है। उत्सव के समापन पर, अपनी माँ और शिक्षक के साथ उन लज़ीज़ व्यंजनों का आनन्द उठाते है। हमारी माँ के द्वारा हमें ढेर सारे पकवान खाने को मिलते है। 

हमारी माँ बहुत खास होती है। थकी हुई होने के बावजूद वह हमारे लिये हमेशा मुस्कुराती रहती है। रात में सोते समय वह हमें बहुत सारी कविताएँ और कहानियाँ सुनाती है। माँ हमारे गृह-कार्य, प्रोजेक्ट और परीक्षा के समय बहुत मदद करती है। वह हमारे स्कूल ड्रेस का ध्यान रखती है। वह हमें सिखाती है कि खाना खाने से पहले हाथ को अच्छी तरह से साबुन से धो लेना चाहिये। वह हमें अच्छा शऊर, शिष्टाचार, नैतिकता, इंसानियत और हमेशा दूसरो की मदद करना सिखाती है। वह हमारे पिता, दादा-दादी और छोटी बहन का ध्यान रखती है। हम सभी उनको बहुत प्यार करते है और हर सप्ताह उन्हें बाहर घुमाने ले जाते है।

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