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Hindi Essay On Nationalism। राष्ट्रवाद पर हिंदी में निबंध

 Hindi Essay On Nationalism। राष्ट्रवाद पर हिंदी में निबंध   

अपने देश के प्रति लगाव एवं समर्पण की भावना राष्ट्रवाद कहलाती है। राष्ट्रवाद ही तो है जो किसी भी देश के सभी नागरिकों को परम्परा, भाषा, जातीयता एवं संस्कृति की विभिन्नताओं के बावजूद उन्हें एकसूत्र में बांध कर रखता है।
Hindi Essay On Nationalism। राष्ट्रवाद पर हिंदी में निबंध



हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में राष्ट्र की तुलना मां से की जाती रही है। जिस प्रकार मां अपने बच्चों का भरण-पोषण करती है उसी प्रकार एक राष्ट्र भी अपने नागरिकों के जीवन की विभिन्न आवश्यकताओं को अपने प्राकृतिक संसाधनो द्वारा पूरा करता है। हम राष्ट्रवाद की भावना द्वारा ही वर्गीय, जातिगत एवं धार्मिक विभाजनों कई मतभेदों को भुलाने में कामयाब होते हैं और ऐसा देखा गया है कि जब भी किन्हीं दो देशों में युद्ध की स्थिति पैदा होती है तो उन देशों के सभी नागरिक एकजुट होकर देशहित में राष्ट्रवाद की भावना के साथ अपने-अपने देश के सैनिकों की हौसला अफजाई करते हैं। 

राष्ट्रवाद एक ऐसी सामूहिक भावना है जिसकी ताकत का अंदाज़ा इस हकीकत से लगाया जा सकता है कि इसके आधार पर बने देश की सीमाओं में रहने वाले लोग अपनी विभिन्न अस्मिताओं के ऊपर राष्ट्र के प्रति निष्ठा को ही अहमियत देते हैं और आवश्यकता पड़ने पर देश के लिए प्राणों का बलिदान भी देने में नहीं हिचकिचाते हैं। राष्ट्रवाद की भावना की वजह से ही एक-दूसरे से कभी न मिलने वाले और एक-दूसरे से पूरी तरह अपरिचित लोग भी राष्ट्रीय एकता के सूत्र में बँध जाते हैं। विश्व के सभी देशों मे राष्ट्रवाद के ज़रिये ही नागरिकों में राष्ट्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर सहमति बनाने में कामयाब हो पाए हैं।

कुछ विद्वानों के अनुसार भूमण्डलीकरण की प्रक्रिया ने राष्ट्रवादी चिंतन को काभी हद तक प्रभावित किया है और अब क्योंकि राष्ट्रीय सीमाओं के कोई ख़ास मायने नहीं रह गये हैं और इस स्थिति ने राष्ट्रवाद की भावना को चुनौती पेश की है। उनका तर्क यह है कि भूमण्डलीकरण के अलावा इंटरनेट और मोबाइल फोन जैसी प्रौद्योगिकीय प्रगति ने दुनिया में फासलों को बहुत कम कर दिया है, हालांकि राष्ट्रवाद की यह व्याख्या सारहीन है।
Hindi Essay On Nationalism। राष्ट्रवाद पर हिंदी में निबंध


किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए उसके नागरिकों में राष्ट्रवाद की भावना का होना जरूरी है। राष्ट्रवाद की महत्ता को समझते हुए और अपने नागरिकों में देशप्रेम की भावना की पुनरावृत्ति करने के उद्देश्य से पूरे विश्व में सभी सरकारें अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय पर्वों का आयोजन करती हैं। इन कार्यक्रमों के दौरान राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है। कुल मिलाकर किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए नागरिकों की एकता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और राष्ट्रवाद ही वह भावना है जो लोगों को धर्म, जाति एवं ऊंच-नीच के बंधनों को समाप्त करते हुए एकता के सूत्र में पिरोती है।

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